गुलाब, एक फूल, हाँ सिर्फ एक फूल ही तो है
बीज, पौधा, पत्तियाँ फिर फूल और खुशबू
हाँ यही तो क्रम होता है, गुलाब के भी जन्म का
पर न जाने क्यो जुड जाती है कुछ भावनाये
गुलाब की उन खुबसूरत गुलाबी पखुँडियो से
जिन पखुँडियो के जुडे रहने से ही गुलाब का अस्तित्व है
जिस दिन ये पखुँडिया बिखरी, गुलाब का अस्तित्व भी बिखरना है
और भावनाये जो उसके साथ जुडी है उनको
शायद उन्हे भी बिखरना पडे
भावनाये जिनके जुडे रहने से ही तो शायद मै हुँ, मेरा अस्तित्व है
जिस दिन ये भावनाये बिखरी, शायद मेरा अस्तित्व भी बिखर जाये
फिर क्यो जोड दूँ अपनी भावनाओ को ऐसी जगह
जँहा उन्हे बिखरना है ?