हर शाम जिन्दगी, सोचती है उस सुबह के बारे मेँ
जो आज आयी थी, आयी थी और, सूरज की किरणो मे भर
कितनी आशाऐँ लायी थी
उजाला ऐसी शक्त्ति का, जो मेरे अरमानो को पहचान ने
और पूरा करने मे मेरे साथ रहती
Continue reading सुबह
हर शाम जिन्दगी, सोचती है उस सुबह के बारे मेँ
जो आज आयी थी, आयी थी और, सूरज की किरणो मे भर
कितनी आशाऐँ लायी थी
उजाला ऐसी शक्त्ति का, जो मेरे अरमानो को पहचान ने
और पूरा करने मे मेरे साथ रहती
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